# चाइनीज काली बारी

# चाइनीज काली बारी


" जहां लगता है 
चाउमीन और चोप्सी का प्रसाद "

                       " देवेश चतुर्वेदी "


ऐतिहासिक स्थलों के साथ - साथ भारत में सदैव से ही प्राचीन एवं विशाल मंदिरों की अहमियत रही है। यहां चारों दिशाओं में असंख्य महत्वपूर्ण मंदिर हैं जो अपनी भव्यता, विशालता व प्राचीनता एवं कुछ मंदिर तो अपने रहस्य के लिए भी जाने जाते हैं।
आमतौर पर मंदिरों में भगवान को पंचामृत और लड्डू-पेड़ों का भोग लगाया जाता है वही प्रसाद में भी बांटा जाता है लेकिन कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जो अपनी अनोखी विशेषताओं के लिए भी जाने जाते हैं जैसे केरला में बालसुब्रमण्यम के मंदिर में भगवान को चॉकलेट चढ़ाई जाती है और काल भैरव मंदिर में बाबा को शराब का भोग लगाते हैं।
हमारे देश में एक ऐसा भी मंदिर है जहां भगवान को चाइनीज फूड का भोग लगता है। यह मंदिर महानगर कोलकाता टेंगरा के चाइना टाउन क्षेत्र में स्थित है जो चाइना काली बारी यानि चाइना काली माता का मंदिर है।

articlesdev.com Chinese Kali Temple

माना जाता है कि बहुत पहले यहां एक पेड़ हुआ करता था जहां नीचे काले पत्थर रखे हुए थे जिसे काली माँ के प्रतीक के रूप में सिन्दूर लगाकर पूजा जाता था।
इसी क्षेत्र में रहने वाले एक चीनी बच्चे की तबीयत बहुत खराब हो गई एवं उसके बचने की संभावना नहीं रही।
बच्चे के माता-पिता ने पेड़ के नीचे उन काले पत्थरों की काली माता के रूप में श्रद्धापूर्वक ढंग से पूजा की। काली माँ की पूजा के कुछ समय पूर्व लड़का पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गया। 
लड़के के माता-पिता ने पेड़ के नीचे उसी स्थान पर काली माँ के मंदिर का निर्माण करवाया।
यहाँ पर संख्या में हिन्दू भक्तों के साथ चीनी और बोद्ध धर्म से जुड़े लोग भी माता के दर्शन करने के लिए आते हैं।
यहाँ मंदिर में यु तो हिन्दू रीति रिवाज से ही सुबह शाम आरती की जाती है परन्तु कुछ चीजें थोड़ी विशेष हैं जैसे यहां माँ की पूजा के दोरान भक्त मोमबत्ती जलाते हैं एवं बुरी शक्तियों से बचे रहने के लिए यहां हैंडमेड पेपर भी जलाया जाता है।
इस मंदिर में काली माता की पूजा के बाद चाइनीज फूड का भोग लगता है एवं भक्तों को भी प्रसाद में चाउमीन और चोप्सी ही बांटा जाता है। 
अपने इस अनोखेपन के कारण यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है ।। 

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