निवेदन देवेश चतुर्वेदी/Submission Devesh Chaturvedi

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# होलीपुरा

# गाँव होलीपुरा एक ऐतिहासिक धरोहर

                            " देवेश चतुर्वेदी "



हवेली का मुख्य द्वार
हवेली का मुख्य द्वार 

  
" पर्यटक अब ग्रामीण जीवन का अनुभव एंव भरपूर आनंद ले सकेंगे क्योंकि होलीपुरा को हेरिटेज (विरासत) गाँव का दर्जा मिल गया है। यहाँ की कुछ प्रमुख हवेलियाँ सहित लगभग 30 सम्पत्तियों को सांस्कृतिक एतिहासिक महत्व का माना गया है। गाँव में चतुर्वेदी परिवारों की बड़ी-बड़ी हवेलियाँ आज भी याद दिलाती हैं कि यहाँ सुशिक्षित एवं सम्पन्न लोगों का निवास स्थान रहा है। इस गाँव ने कितने ही विभूतियों को जन्म दिया जिन्होंने विभिन्न शहरों में जाकर शिक्षा, प्रशासन, राजनैतिक एवं व्यवसाय के श्रेत्र में विशेष नाम कमाया और होलीपुरा गाँव की प्रतिष्ठा बढ़ाई।

गाँव होलीपुरा धर्मशाला


 पर्यटक अब ग्रामीण जीवन का अनुभव एंव भरपूर आनन्द ले सकेंगे क्योंकि होलीपुरा को हैरीटेज ( विरासत ) गाँव का दर्जा मिल गया है । यहाँ की कुछ प्रमुख हवेलियाँ सहित लगभग 30 सम्पत्तियों को सांस्कृतिक ऐतिहासिक महत्व का माना गया है।

गाँव में चतुर्वेदी परिवारों की बड़ी-बड़ी हवेलियाँ आज भी याद दिलाती हैं कि यहाँ सुशिक्षित एवं सम्पन्न लोगों का निवास स्थान रहा है।

इस गाँव ने कितने ही विभूतियों को जन्म दिया जिन्होंने विभिन्न शहरों में जाकर शिक्षा, प्रशासन,राजनैतिक एवं व्यवसाय के श्रेत्र में विशेष नाम कमाया और होलीपुरा गाँव की प्रतिष्ठा बढ़ाई।  श्री शम्भुनाथ जी आगरा के प्रथम मेयार और बाद में लोकसभा के सदस्य रहे हैं। श्री जयेन्दनाथ जी दिल्ली के पुलिस कमिश्नर एवं उत्तर प्रदेश के डायरेक्टर जनरल रहे हैं। श्री विशम्भर नाथ जी कलकत्ता स्टोक एक्सचेंज के दो दशक से अधिक समय प्रेसीडेंट रहे हैं। अश्वनी कुमार जी भारतीय क्रिकेट के प्रसिद्ध खिलाड़ी रहे। व्यापार क्षेत्र में धर्मनरायन चतुर्वेदी ने बहुत ही अल्प आयु में कलकत्ता में नाम कमाया और होलीपुरा गाँव में धर्मशाला का निर्माण कराया। दमोदर दास जी ने कलकत्ता तथा ओम्कार नाथ जी ने कानपुर में व्यवसायिक प्रतिष्ठा प्राप्त की। 

आज भी वहां के अनेक चतुर्वेदी वान्धव विभिन्न शहरों में आबाद है और राजनैतिक, प्रशासनिक एवं व्यवसायिक श्रेत्रों में प्रतिष्ठित हैं। 

इसमें से अधिकांश लोग होली के उत्सव पर अपने गाँव होलीपुरा आते हैं और यहाँ की भदावरी होली तथा होली गायन जो उच्च कोटि के शास्त्रीय संगीत एवं बृज संगीत से परिपूर्ण है उसका आनन्द उठाते हैं और गाँव का महोल जीवान्त बना देते हैं।   होलीपुरा मथुरा चतुर्वेदी समाज का प्रमुख गाँव है। चतुर्वेदी समाज ने इस श्रेत्र के शैक्षिक उन्नति के लिए दमोदर इण्टर कॉलेज की स्थापना करके बहुत बड़ा कार्य किया क्योंकि उस समय आसपास शिक्षा हेतु ओर कोई संस्था नहीं थी। यहाँ की साक्षरता दर 90% से अधिक रही है जो इस राज्य की औसत से अधिक है। होलीपुरा गाँव के प्रशासन और विकास में चतुर्वेदी समाज का प्रभुत्व था। गाँव की विभिन्न जातियों के निवासी जीविका के लिये अधिकांश इन्हीं पर निर्भर रहते थे। 

कृषि कार्य गाँव में परिवारों के लिए बसे रहने हेतु मात्र साधन भर है। गाँव के अधिकांश युवक देश के विभिन्न शहरों में जीविका के लिए प्रवास करते हैं। 

 होलीपुरा देश के बहुत ही महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल आगरा से मात्र ड़ेढ घंटे की दूरी पर स्थित होने के कारण गाँव को एक ग्रमीण पर्यटन स्थल के रूप में बहुत ही अच्छे से विकसित किया जा सकता है।

 समाजिक कार्यकर्ता श्री संजीव चतुर्वेदी का परिवार होलीपुरा गाँव से आ कर आगरा में बस गया पर महिने दो महीने में एक बार अपने गाँव होलीपुरा अवश्य जाते हैं। होलीपुरा में उनकी शानदार हवेली है। संजीव जी अन्य चतुर्वेदी वान्धवों के सहयोग से होलीपुरा के विकास कार्यों में गंभीरता से पुरी तरह समर्पित हैं। 

 संजीव जी बताते हैं कि यहाँ की प्रचीन धरोहर में हवेलियों के अतिरिक्त अविरल रैन बसेरा, मंदिर और गुफा है जहाँ स्वामी स्व. हरिहरानन्द जी निवास करते थे। उनकी स्मृति में उनकी जयन्ती हर वर्ष यहाँ पर धूमधाम से मनाई जाती है। होलीपुरा चंम्बल एवं यमुना नदियों के मध्य बसा हुआ है। यहाँ हरे भरे खेतों के अतिरिक्त दोनों नदियों के आसपास के क्षेत्र ऊंचे-नीचे टीलों झाड़ियों के जंगलों से घिरा हुआ है जिसे यहाँ की भाषा में बीहड़ बोला जाता है। यहाँ के दस्युओं की रोमांचकारी कहानियाँ और इन बीहड़ों की सफारी बहुत आकर्षक है। यहाँ के शांत एवं प्रदूषण रहित वातावरण में सूर्योदय एवं सूर्यास्त का प्राकृतिक द्दश्य बहुत ही मनमोहक एवं सकून देने वाला होता है। निकटवर्ती यमुना नदी में नौका विहार एवं वटेश्वर के प्रसिद्ध महादेव मंदिर के दर्शन का भी लाभ लिया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि बटेश्वर गाँव हमारे भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटलबिहारी जी का पैत्रिक गाँव है। 

 दिल्ली एवं आगरा जैसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों के साथ होलीपुरा हेरिटेज गाँव की सफारी को जोड़ देने से पर्यटक शान्तिपूर्ण एवं प्रदूषण मुक्त वातावरण का एक विशिष्ट एवं अद्वितीय आनन्द का अनुभव कर सकेंगे।


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