# पश्चिम बंगाल में अन्तर्कलह
" देवेश चतुर्वेदी "
पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस के भीतर इन दिनों वर्चस्व की लड़ाई तेज हो गई है । तृणमूल के पुराने व नए नेताओं के समर्थक आपस में बटे हुए नजर आते हैं। आए दिन तृणमूल के विभिन्न गुटों में आपसी संघर्ष देखने को मिल रहा है।
तृणमूल की आपसी गुटबाजी के पीछे रंगदारी एवं टोल वसूली बताई जाती है।
कई जगहों पर हुई आपसी वर्चस्व की लड़ाई जिसमें अब बेहला इलाके में भीषण संघर्ष देखने को मिला । दोनों गुटों ने एक दुसरे पर जमकर ईंट, लाठी से आक्रमण किया । यहाँ तक कई राउंड गोलियां भी चली। गाडियों की तोड़-फोड़ हुई और घरों में घुस कर साधारण निवासियों को भी मारा एवं उनके घरों को श्रतिग्रस्त कर दिया गया ।
इससे पहले बीरभूम जिले के रामपुरहाट में पिछले दिनों तृणमूल के दो गुटों में बटे एक गुट के नेता भादू शेख की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी । शेख की हत्या के बाद गुस्साए उनके समर्थकों की भीड़ ने बोताटुई गाँव में दुसरे पक्ष के अनेकों घरों में आग लगा दी जिसमें 9 लोगों की जलकर मौत हो गई।
हाल ही में पार्षद अनुपम दत्ता और पार्षद तपन कंडू की गोली मारकर हत्या की गई। वाम छात्र नेता अनीश खान को पुलिस की वर्दी पहने हुए बदमाशों ने घर में घुस कर मारा और फिर मकान की तीसरी मंजिल से नीचे फेंक कर हत्या कर दी ।
पश्चिम बंगाल में हिंसा और हत्याओं के साथ-साथ हांसखाली में नाबालिग लड़की से दुष्कर्म कर हत्या करने का मामला भी राजनीतिक तूल पकड़ रहा है । इस नाबालिग बच्ची के साथ बलात्कार मामले में तृणमूल के ही पंचायत नेता के बेटे को गिरफ्तार किया गया है ।
पश्चिम बंगाल में जारी इस हिंसा, बलात्कार एवं हत्या की घटनाओं को लेकर बीजेपी सीपीएम एवं कांग्रेस सीएम ममता बनर्जी पर सीधा निशाना साध रही हैं ।
पिछले 2 सप्ताह में कोलकाता हाई कोर्ट ने 7 मामलों में सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं। यह मामले हैं i. एसएससी रिक्रूमेंट ii. एसएलएसटी रिक्रूमेंट iii. भादू शेख ह्त्या केस iv. बीरभूम हिंसा v. झालदा कांग्रेस पार्षद हत्या केस vi. झालदा केस के चश्मदीद निरंजन वैष्णव की आप्रकृतीक मौत vii. हांसखाली नाबालिग रेप केस ।
पश्चिम बंगाल बीजेपी का कहना है कि पश्चिम बंगाल में लोगों की सुरक्षा तभी हो सकती है जब बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू हो।
तृणमूल सरकार का कहना है कि अन्य राजयो में भी एसी घटनाये होती है पर यहां हमारी सरकार को बदनाम करने के लिए प्रचार किया जा रहा है ।
मानवाधिकार कमीशन भी इस प्रकार की घटनाओं का संज्ञान ले रहा है ।
जो भी हो आम जनता की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिये । सरकार को इसके लिये सर्वोच्च प्राथमिकता देना आवश्यक है ।
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