आगरा का हेरिटेज गाँव होलीपुरा, पर्यटन के लिए अप्रतिम स्थल

 आगरा का हेरिटेज गाँव होलीपुरा, 

            पर्यटन के लिए अप्रतिम स्थल  

                               “  देवेश चतुर्वेदी “


होलीपुरा गाँव की धर्मशाला

होलीपुरा गाँव की धर्मशाला 

होलीपुरा की कुछ प्रमुख हवेलियाँ सहित लगभग 30 सम्पत्तियों को सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्व का माना गया है । होलीपुरा को (हेरिटेज) विरासत गाँव का दर्जा मिल गया है ।

गाँव में चतुर्वेदी परिवारों की बड़ी-बड़ी हवेलियाँ आज भी याद दिलाती हैं कि यहाँ सुशिक्षित एवं सम्पन्न लोगों का निवास स्थान रहा है । इस गाँव ने कितने ही विभूतियों को जन्म दिया जिन्होंने विभिन्न शहरों में जाकर शिक्षा प्रशासन राजनैतिक एंव व्यवसाय के श्रेत्र में विशेष नाम कमाया और होलीपुरा गाँव की प्रतिष्ठा बढ़ाई ।

सामाजिक कार्यकर्ता श्री संजीव चतुर्वेदी का परिवार होलीपुरा गाँव से आ कर आगरा में बस गया । संजीव जी के पिता स्व.धर्मनरायन चतुर्वेदी ने व्यापार क्षेत्र में बहुत ही अल्प आयु में कलकत्ता में नाम कमाया आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद करना और उन्हें आगे बढ़ाना उनके स्वभाव में था । उन्होंने होलीपुरा गाँव में धर्मशाला का निर्माण कराया ।

संजीव चतुर्वेदी धर्मशाला में निर्देश देते हुए

    संजीव चतुर्वेदी धर्मशाला में निर्देश देते हुए 

 संजीव जी अक्सर अपने गाँव होलीपुरा जाते रहते हैं। होलीपुरा में उनकी शानदार हवेली है । 

होलीपुरा हवेली का मुख्य द्वार

होलीपुरा गाँव की हवेली का मुख्य द्वार 

होली के उत्सव पर अधिकांश लोग यहाँ आते हैं और यहाँ की भदावरी होली तथा होली गायन जो उच्च कोटि के शास्त्रीय संगीत एवं ब्रज संगीत से परिपूर्ण है उसका आनन्द उठाते हैं और गाँव का महोल जीवान्त बना देते हैं ।

होली गायन का आनन्द लेते हुये विदेशी पर्यटक

होलीपुरा की होली गायन का 

                   आनन्द लेते हुये विदेशी पर्यटक 

होलीपुरा माथुर चतुर्वेदी समाज का प्रमुख गाँव है । चतुर्वेदी समाज ने शैक्षिक उन्नति के लिए दमोदर इण्टर कॉलेज की स्थापना की क्योंकि उस समय आसपास शिक्षा हेतु ओर कोई संस्था नहीं थी ।

होलीपुरा गाँव देश के बहुत ही महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल आगरा से मात्र ड़ेढ घंटे की दूरी पर स्थित होने के कारण गाँव को एक ग्रमीण पर्यटन स्थल के रूप में बहुत अच्छे से विकसित किया जा सकता है । 

संजीव जी अन्य चतुर्वेदी वान्धवों के सहयोग से होलीपुरा के विकास कार्यों में पुरी तरह समर्पित हैं । संजीव जी बताते हैं कि यहाँ की प्राचीन धरोहर में हवेलियों के अतिरिक्त अविरल रैन बसेरा मंदिर और गुफा है जहाँ स्वामी स्व. हरिहरानन्द जी निवास करते थे । उनकी स्मृति में उनकी जयन्ती हर वर्ष   गुरु पूर्णिमा पर धूम से मनाई जाती है ।

होलीपुरा चंम्बल एवं यमुना नदियों के मध्य बसा हुआ है । यहाँ हरे भरे खेतों के अतिरिक्त दोनों नदियों के आसपास के क्षेत्र ऊंचे नीचे टीलों झाड़ियों के जंगलों से घिरा हुआ है जिसे यहाँ की बेहड़ बोला जाता है । यह दस्युओं  (डाकुओं) का क्षेत्र रह चुका है । यहाँ के दस्युओं की रोमांचकारी कहानियाँ और इन बेहड़ों की सफारी बहुत आकर्षक है । यहाँ के शांत एवं प्रदूषण रहित वातावरण में सूर्योदय एवं सूर्यास्त का प्राकृतिक द्दश्य बहुत ही आकर्षक एवं मनमोहक होता है । निकटवर्ती यमुना नदी में नौका विहार एवं वटेश्वर के प्रसिद्ध महादेव जी के मंदिर के दर्शन का भी लाभ लिया जा सकता है । उल्लेखनीय है कि बटेश्वर गाँव हमारे भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटलबिहारी जी का पैत्रिक गाँव है । दिल्ली एवं आगरा जैसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों के साथ होलीपुरा हेरिटेज गाँव की सफारी को जोड़ देने से पर्यटक शान्तिपूर्ण एवं प्रदूषण मुक्त वातावरण का अद्वितीय आनन्द अनुभव कर सकेंगे ।

संजीव चतुर्वेदी का सरकार और पर्यटन विभाग से निवेदन है कि गाँव में साधारण सुविधाएं जैसे अच्छे रास्ते साफ सफाई एवं बिजली ( सोर्य ऊर्जा) की नियमित सेवा उपलब्ध हो एवं पर्यटन विभाग यहाँ के हवेलियों एवं धर्मशाला मालिकों के साथ चर्चा करें और उन्हें मार्गदर्शन दें जिससे वह लोग पर्यटन के हिसाब से अपनी हवेलियों एवं धर्मशाला आदि को पर्यटकों के सुविधा योग्य कैसे बना सकते हैं ।

संजीव जी को पूरी उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश सरकार एवं पर्यटन विभाग उनके इस अनुरोध को गंभीरता से लेगा एवं  होलीपुरा गाँव पर्यटन का आकर्षक स्थल अवश्य बन सकेगा ।


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D Black Ink 

4 comments:

Anonymous said...

बहुत बढ़िया लेख है भाईसाहब।

देवेश चतुर्वेदी "देव" / Devesh Chaturvedi "Dev" said...

🙏

Shalini Chaturvedi said...

सुंदर जानकारी 👌

देवेश चतुर्वेदी "देव" / Devesh Chaturvedi "Dev" said...

Thank you